"राष्ट्र के बिना राज्य एक कृत्रिम संरचना है तो वही राज्य के बिना राष्ट्र एक आधारहीन भूत" ~ जर्मन चिंतक जॉन
राष्ट्र 'राष्ट्र के लोगों' से बनता है, लोगों के बीच का भाव एक राज्य को "राष्ट्र" के रूप में बदलता है। लोगों में एकता के लिए कई तरह के भाव होते हैं। इनका नेतृत्व करने वाला शासक जिस भाव पर बल देता है, यही राष्ट्र के चरित्र को निर्धारित करता है। अगर शासक व्यवहारिक भाव पर बल देता है तो राष्ट्र लंबे समय तक चलेगा।
आइए बात करते हैं कुछ राष्ट्रों के प्रकारों के बारे में -
1. नृजातीयता के आधार पर राष्ट्र- किसी राष्ट्र में रहने वाले लोग अलग-अलग नस्ल के होते हैं इसलिए यह मॉडल अधिक सफल नहीं रहा जर्मनी में हिटलर के द्वारा इस मॉडल का प्रयोग किया गया परंतु आज हिटलर को जर्मनी के लोग हिन नजर से देखते हैं।
2.भाषा को आधार बनाकर राष्ट्र निर्माण यह मॉडल पूर्वी यूरोप के देशों के लिए उपयुक्त रहा।
3.संस्कृति के आधार पर राष्ट्र के निर्माण में प्रमुख समस्या यह रहती है कि कौन सा भाग संस्कृति के अंतर्गत है तो कौन सा बाहर। उच्च वर्ग की संस्कृति तथा आम लोग की संस्कृति में रात दिन का अंतर रहता है।
4.धर्म के आधार पर राष्ट्र निर्माण यह मॉडल अरेबियन कंट्रीज में सफल हुआ परंतु तृतीय विश्व के देशों में यह असफल रहा जिसका ताजा उदाहरण पाकिस्तान है।
5.क्षेत्रीयता की भावना के आधार पर राष्ट्र का निर्माण, छोटे क्षेत्र के लिए उपयुक्त रहता है। जहां पर विविधता कम होती है। इस प्रकार का राष्ट्रवाद बड़े भूगोल वाले राष्ट्र के लिए क्षेत्रवाद को बढ़ावा देता है– जैसे 'खालीस्थान’।
6.क्रांति के आधार पर बनने वाले राष्ट्र के पीछे एक विचारधारा रहती है। उस विचारधारा को चुनौतियां मिलती है. अगर उनका वह सामना करती है तो वह राष्ट्र लंबे समय तक चलेगा जैसे सोवियत संघ क्रांति के माध्यम से निर्मित हुआ था परंतु 1990 में उसका विघटन हुआ।
7. उपनिवेश विरोधी आंदोलन के तहत निर्मित राष्ट्र. भारत का राष्ट्रवाद यहीं से प्रारंभ होता है।
8. प्रवासियों के द्वारा अपने मूल राष्ट्र में एक नए राष्ट्र वाद को बढ़ावा दिया जाता है। भारत में रहने वाले नागरिकों द्वारा श्रीलंकन तमिलों को बढ़ावा दिया जाता है।
अंत में राष्ट्र के लिए सबसे बेहतर विचार है, जनता का राष्ट्र जिसमें सभी का योगदान बराबर हो भारत के राष्ट्र का विचार यही है।
अगली कड़ी में हम भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के राष्ट्र के बारे में विचार पर बात करेंगे।
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